Shodashi - An Overview
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
Shodashi is deeply connected to The trail of Tantra, exactly where she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated as the embodiment of Sri Vidya, the sacred knowledge that results in enlightenment.
वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।
ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं get more info च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
दुष्टानां दानवानां मदभरहरणा दुःखहन्त्री बुधानां
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
The noose represents attachment, the goad represents repulsion, the sugarcane bow represents the head and the arrows would be the five perception objects.
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥
The Sadhana of Tripura Sundari is often a harmonious combination of trying to get pleasure and striving for liberation, reflecting the dual components of her divine character.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥